Buddhi se bada Kaun hota hai ?

जब भी आप किसी भी कार्य को करने से पहले कुछ सोचना पड़ता है और करने के समय हमेशा खुद का मन और बुद्धि की सहायता से काम को करना पड़ता है लेकिन क्या आपको पता है हमारी बुद्धि से भी बड़ा एक और चीज है चलिए जानते हैं वह चीज क्या है। (बुद्धि से बड़ा कौन?)

बुद्धि से बड़ा कौन होता है ?

बुद्धि से बड़ा हमेशा प्यार ही बड़ा होता है, लेकिन हमेशा लोग सोचते हैं कि बुद्धि सबसे बड़ा होता है जो कि यह बात गलत ही है। इसलिए स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि जब भी लड़ाई दिल और दिमाग की हो हमेशा दिल की सुनना चाहिए क्योंकि दिल में प्यार जगती है और दिमाग में बुद्धि यहां से पता चलता है कि बुद्धि से बढ़कर प्यार ही होता है । जो काम में हम बुद्धि प्रयोग करके समाधान करना चाहते हैं और वही काम ना हो पाए तो हम को गुस्सा आ जाती है यही गुस्सा को हम प्यार की माध्यम से शांत कर पाएंगे परंतु बुद्धि से नहीं ।

कैसे पता चला कि प्यार सबसे बड़ा होता है ?

एक बार श्री कृष्णा उद्धव जी को यही बात समझाने के लिए लगे पड़े कि प्यार बुद्धि से भी बड़ा होता है लेकिन उद्धव जी ने मानने के लिए तैयार नहीं थे । इसलिए श्री कृष्ण ने उद्धव जी को वृंदावन भेजे थे ज्ञान और प्यार की बीच में जो फर्क है इसको जानने के लिए । उद्धव जी ने मन ही मन सोच लिया था कि मैं वृंदावन जाकर सभी वृंदावन वासी को ज्ञान की मार्ग से सब कुछ समझा दूंगी परंतु वहां पर वृंदावन वासी उद्धव जी को प्यार की परिभाषा समझा दिए थे & प्यार क्या होता ।

प्यार की परिभाषा क्या होता है ?

जो संपर्क के बीच में निस्वार्थ भावना से संपर्क घड़ जाता है और हमेशा के लिए संपर्क के बीच में भरोसा बनाता रहता है उसे प्यार कहते हैं।

बुद्धि और चालकी की बीच में अंतर क्या है:

बुद्धि और चालकी दोनों ही अहम् गुण होते हैं, लेकिन दोनों में अंतर होता है।बुद्धि मनुष्य के बौद्धिक या बुद्धिमान होने की क्षमता होती है। यह मनुष्य की सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता होती है। बुद्धिमान व्यक्ति विवेकी होते हैं और समस्याओं को समझते हैं और उन्हें समाधान करने के लिए अलग-अलग तरीके ढूंढते हैं।दूसरी तरफ, चालकी मनुष्य के काम करने और सफल होने की क्षमता होती है। चालक व्यक्ति उच्च उद्देश्यों को हासिल करने के लिए दृढ़ निश्चय और कार्यशीलता रखते हैं। वे संकट के समय में शीघ्र निर्णय लेने में सक्षम होते हैं और आवश्यकताओं के अनुसार अपने काम को व्यवस्थित ढंग से करते हैं।इसलिए, बुद्धि व्यक्ति ज्ञान और समझ का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि चालक व्यक्ति कार्यशीलता और संगठन का प्रतिनिधित्व करते हैं। दोनों गुण एक सफल व्यक्ति के लिए आवश्यक होते हैं।

मनुष्य की बुद्धि बड़ा ही की बल ?

मनुष्य की बुद्धि और बल दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण गुण हैं, लेकिन इन दोनों में अंतर होता है।बुद्धि मनुष्य की बौद्धिक क्षमता होती है। इससे वह समझदार और ज्ञानी होता है जो उन्नति और समृद्धि के लिए सोचता है।

वह बुद्धिमान होता है जो अपने कामों के परिणाम को समझता है और अपने निर्णयों के लिए अच्छे तरीके से विचार करता है। बुद्धि मनुष्य के जीवन में उसे सफलता और खुशी की दिशा में ले जाती है।दूसरी तरफ, बल मनुष्य की शारीरिक क्षमता होती है।

यह उसकी ताकत, स्थायित्व, उत्थान और संभावितता के आधार पर होती है। बल के बिना, वह कठिनाई का सामना नहीं कर पाता है और उसका जीवन संभव नहीं होता।इसलिए, बुद्धि और बल दोनों ही अहम गुण होते हैं, जो मनुष्य की संपूर्ण व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं। हालांकि, बुद्धि मनुष्य की जीत होती है, जबकि बल उसके बचाव के लिए अनिवार्य होता है।

कब कब बुद्धि से यादा बल काम आता है :

यह देखने के लिए कि कब कब बुद्धि से ज्यादा बल काम आता है, संदर्भ के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।एक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में, जैसे कि आपको किसी भी दुर्घटना के मध्य या भयंकर संघर्ष के बीच में फंस जाना पड़ता है, बल का उपयोग करना अधिक आवश्यक हो सकता है। जबकि बुद्धि भी इस परिस्थिति में बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि एक व्यक्ति को सही निर्णय लेने की क्षमता रखती है।दूसरी ओर, एक अन्य परिस्थिति में, जैसे कि विभिन्न विषयों पर विचार करने और समस्याओं का समाधान निकालने के लिए, बुद्धि का उपयोग ज्यादा आवश्यक होता है। इस परिस्थिति में, बल का उपयोग अधिकतम समस्याओं को हल नहीं करेगा।इसलिए, बुद्धि और बल दोनों ही अहम गुण होते हैं और उन्हें एक संतुलित तरीके से उपयोग करना चाहिए।

बुद्धि बढ़ ने केलिए क्या क्या करना जरूरी है ;

बुद्धि बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय कारगर साबित होते हैं:

  1. ध्यान और मेधा विकास: ध्यान और मेधा विकास करना बुद्धि को बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपायों में से एक है। योग और मेधावर्त प्राणायाम के माध्यम से ध्यान और मेधा विकास कर सकते हैं।
  2. स्वस्थ शरीर: स्वस्थ शरीर में हमेशा अधिक ऊर्जा और एकाग्रता रहती है जो बुद्धि को बढ़ाने में मदद करती है। स्वस्थ खान-पान और नियमित व्यायाम करना बुद्धि को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होता है।
  3. संगठन और योजना बनाना: बुद्धि को बढ़ाने के लिए एक संगठित और योजना बनाने की क्षमता आवश्यक होती है। योजनाबद्धता के माध्यम से आप अपने कार्य को संगठित और सफल बना सकते हैं।
  4. नए चुनौतियों से निपटना: बुद्धि को बढ़ाने के लिए नए चुनौतियों से निपटना आवश्यक होता है। नई स्थितियों और चुनौतियों का सामना करना आपकी बुद्धि को विकसित करता है।नयी चीजों

कोन सी खाद्य खानेसे बुद्धि तेज होता है ;

कुछ खाद्य पदार्थ बुद्धि को तेज करने में मददगार हो सकते हैं। निम्नलिखित खाद्य पदार्थ बुद्धि को तेज करने में मददगार हो सकते हैं:

  1. सबुत मसूर दाल: मसूर दाल में भरपूर मात्रा में विटामिन बी, फोलिक एसिड, जिंक और पोटेशियम होता है जो बुद्धि को तेज करने में मददगार हो सकते हैं।
  2. मछली: मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो बुद्धि को तेज करने में मददगार होता है। जीवन शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ, इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन भी होता है।
  3. ब्रोकोली: ब्रोकोली में कई तत्व होते हैं जो बुद्धि को तेज करने में मददगार होते हैं। इसमें विटामिन सी, कारोटीनोइड्स, फोलेट, और फाइबर होता है जो संज्ञानशीलता को बढ़ाते हैं।
  4. अंडे: अंडे भी बुद्धि को तेज करने में मददगार हो सकते हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन डी और चोलीन होता है, जो स्मृति और ज्ञान शक्ति को बढ़ाने में मददगार होता है।
  5. बादाम: बाद

बुद्धि बढ़ने केलिए सबसे अच्छा योग (Yoga)कोन है :

बुद्धि तेज होने के लिए कई योग आसन होते हैं। यहां कुछ योग आसन हैं जो बुद्धि को तेज करने में मदद कर सकते हैं:

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  1. उत्तानासन (Uttanasana) – इस आसन में आपको सीधे खड़े होकर अपने टोंगे को झुकाना होता है। यह आसन सिर, गर्दन और पीठ के मांसपेशियों को संचालित करता है जो बुद्धि को तेज करते हैं।
  2. पद्मासन (Padmasana) – इस आसन में आपको बैठना होता है और आपके पैर एक दूसरे के ऊपर रखने होते हैं। यह आसन चित्त को शांत करता है जो आपके लिए बहुत उपयोगी होता है।
  3. शवासन (Shavasana) – इस आसन में आपको सीधे लेट जाना होता है। यह आसन आपके दिमाग को शांत करता है जो बुद्धि को तेज करता है।
  4. कपालभाति (Kapalbhati) – इस आसन में आपको नाक से साँस बाहर निकालना होता है। यह आसन स्वस्थ मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  5. अनुलोम-विलोम (Anulom Vilom) – इस आसन में आपको एक नाक से साँस लेना होता है और फिर दूसरे नाक से साँस छोड़ना होता है। यह आसन

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